कुदरत से टकराने का दंड भोग रहे हैं दुनिया के इंसान आरडी शुक्ला की कलम से
आज दुनिया का इंसान जो भोग रहा है उसके पीछे उसी के कर्म है पिछले 50 सालों से देख रहा हूं भारत ही नहीं पूरी दुनिया के देश और वहां रहने वाले लोग कुदरत को भूलते जा रहे हैं धीरे धीरे कुदरत की दी गई सभी चीजों को बर्बाद कर रहे हैं कुदरत मैं इंसान को हर वह चीज दी जिससे वह जी सके और सुंदर जिंदगी जी सके इ…