80 गांव से निकली कुकरेल नदी में नाले का रूप ले लिया था और उसकी ऐतिहासिकता समाप्त हो गई थी लेकिन इधर इंदिरा नहर से जगह रा गांव होते हुए एक नाहर काट के कुकरैल नदी में मिलाने के बाद वह अब नदी का रूप लेने लगी है फिलहाल वहां जबरदस्त पानी है अभी कुछ समय पहले तक वहां सिर्फ नाला रह गया था गंदा नाला और क्षेत्रवासियों को बहुत बीमारी फैला रहा था उसके अंदर पानी बचा ही नहीं था सिर्फ से 1 लाइन और गंदे नालों का पानी इसे भरा दिखाई देता था अब जब से यह इंदिरा नहर से मिला दी गई है तब से यहां इतना पानी आ गया है गंदी कुकरेल छोटी नदी में बदल गई है इस कुकरेल नदी में कभी हम लोग नहाया करते थे बहुत ही इसका ऐतिहासिक महत्व है कहा जाता है कि जिस भी व्यक्ति को कुत्ता काट ले और वह यहां कुकरेल नदी में स्नान कर ले तो उसका जहर खत्म हो जाता है इस नदी में नहाने के लिए कुत्ता काटने वाले व्यक्ति हजारों की संख्या में आते थे लेकिन जब से इस नदी के दोनों और विकास शुरू हो गया और बिल्डिंग में बन गई इंदिरानगर कुल नगर और उसके आगे तक का सिविल लाइन गंदा पानी लाने लगा अवैध बस्तियां बस गई थी इसके अंदर तो यह एक बदबूदार नाला बन गया था फिलहाल देखिए इतनी सुंदर नदी निकल कर आई है कि मुझे याद आ रहा है कि कभी जब बचपन में हम लोग नहाने जाया करते थे तो तैरना वगैरह वहीं से सीखा है शुद्ध जल था बीच में सब खराब हो गया था अब जो स्कूल में पानी डाला जा रहा है वह एक ऐतिहासिक कार्य है और एक ऐतिहासिक नदी को जिंदा रखेगा प्रदीप दिक्षित द्वारा
इंदिरा नहर से पानी छोड़े जाने के बाद कुकरैल नाले से नदी बनी